Wednesday, 7 April 2021

त्रिफला

हरीतक्यामलकबिभीतकानि त्रिफला।(सु. सू. ३८/५६) 

पथ्याबिभीतधात्रीणां फलैः स्यात्रिफला समैः।
फलत्रिकञ्च त्रिफला सा वरा च प्रकीर्तिता॥ (भा. प्र./हरीत./४२) 
हरीतकी चाऽऽमलकं बिभीतकमिति त्रयम्।
त्रिफला च वरा श्रेष्ठतमं ज्ञेयं फलत्रिकम् ॥ (ध. नि. मिश्रक/१) 
हरीतकी चामलकबिभीतकमिति त्रयम्।
त्रिफला त्रिफली चैव फलत्रयफलत्रिके॥ (रा. नि. मिश्रक/३)

विमर्श --- हरीतकी , बिभीतक व आँवला इन तनो को शुष्क अवस्था में समान मात्रा में लेना त्रिफला कहलाता हैं। 
★ फलत्रिक , फलत्रय , त्रिफला , त्रिफली तथा वरा ये सभी त्रिफला का पर्याय हैं। 
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एका हरीतकी योज्यो द्वौ योज्यो च बिभीतकौ।
चत्वार्यामलकानि च ..................../ (शा. सं.) 

हरीतक्यास्त्रयोभागाः शिवाद्वादशभागिका।
षड्भागाः स्युर्बिभीतस्य त्रिफलेयं प्रकीर्तिता॥ (म. पा. नि./हरीत./३१)

विमर्श -- हरीतकी एक , बिभीतक दो तथा चार आँवला लेकर मिलाना त्रिफला कहलाता हैं। 

त्रिफला के गुणकर्म 

त्रिफला कफपित्तघ्नी मेहकुष्ठहरा सरा।
चक्षुष्या दीपनी रुच्या विषमज्वरनाशनी ॥ (सुश्रुत ३८, भा. प्र./हरीत. ४३) 

व्याख्या -- 
★ त्रिफला कफपित्त का नाश करने वाला होते हैं। 
★ त्रिफला प्रमेह व कुष्ठ का नाश करने वाला होता हैं। 
★ त्रिफला चक्षुष्य होता हैं अर्थात नेत्र के लिए हितकर होता हैं। 
★ त्रिफला दीपन करने वाला होता हैं तथा रूचि उत्पन्न करने वाला होता हैं। 
★ त्रिफला विषमज्वर का नाश करने वाला होता हैं। 


त्रिफला च त्रिदोषघ्नी दीपनी स्यात् रसायनी। 
वृष्या मेहहरा दिव्या नेत्ररोगहरा मता॥(ध. नि. मिश्रक/२)

व्याख्या ---
★ त्रिफला त्रिदोष का नाश करने वाला होता हैं। दीपन , रसायन , वृष्य , प्रमेह का नाश करने वाला , दिव्य ( मेध्य ) तथा नेत्र रोगों का नाश करने वाला होता हैं। 

इमं रसायनवरा त्रिफलाऽक्ष्यामयापहा। 
रोपणी त्वरगदक्लेदमेदोमेहकफास्त्रजित्॥ (अ.सं.सू. १८४७-४८) 

व्याख्या ---
त्रिफला रसायन हैं, नेत्ररोग का नाश करने वाला होता हैं , रोपण तथा त्वचा का रोग नष्ट करने वाला होता हैं,, क्लेद , मेदोरोग , प्रमेह, कफ और रक्त रोगों को नष्ट करने वाला होता हैं। 

पित्तं माधुर्यशैत्याभ्यां कफं रूक्षकषायतः। 
त्रिफलैतत्त्रयेण स्याद्वरा श्रेष्ठा फलोत्तमा॥ (म. पा. नि. हरीतक./३२) 

व्याख्या --
★ त्रिफला मधुर, शीतगुण के कारण पित्त का शमन करने वाला होता हैं। 
★ रूक्ष और कषाय के कारण कफ का शमन करने वाला होता हैं। 
★ त्रिफला वरा और फलोत्तमा इसके पर्याय हैं।


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