Wednesday, 7 April 2021

त्रिमद

 मुस्तं चित्रं विडंगञ्च त्रिमदः परिकीर्तितः।।(महौषध नि/सं./१६)

विडंगमुस्तचित्रैश्च त्रिमद समुदाहृतः। 

व्याख्या ---
मुस्तक , चित्रक और विडंग इन तीनों के समभाग मिश्रण को त्रिमद कहते हैं।

त्रिमद के गुणकर्म --


त्रिमदः कफमन्दाग्निकासाऽजीर्णक्रिमीञ्जयेत्। (महौषध नि./सं.१६) 

व्याख्या --- 
★ त्रिमद कफ , अग्निमांद्य तथा कास का नाश करने वाला होता हैं। 
★ त्रिमद  अजीर्ण तथा कृमि में हितकारी होता हैं। 


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